08 January 2012

जो हो सके तो अमन का मन्ज़र तलाश कर !!


चाकू न सैफो बरछी न खन्जर तलाश कर !

जो हो सके तो अमन का मन्ज़र तलाश कर !!


जिस पर जबीं झुकी थी वो दर तलाश कर !

जिस घर को तुने छोड़ा है वो घर तलाश कर !!


खामोश हो गया हूँ समंदर की तरह मै !

है मुज़्तरिब जो करना तो कंकर तलश कर !!


कहने पे तेरे माँ को भला कैसे छोड़ दू !

तू ऐसा कर कि दूसरा शौहर तलाश कर


परदेस में सुकून किसे मिलता है "हिलाल"

चैनो सुकून अपने ही घर पर तलाश कर !!


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