Hilal Badayuni -- ( हिलाल बदायूंनी )
09 March 2010
शोहरत
जब तलक मंसूब दिल से दिल न हो ,
दिल को तब तक हिचकिया मिलती नहीं .
इश्क करने से मिलेंगी शोहरतें ,
मुफ्त में बदनामिया मिलती नहीं .
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