तेरी आँखों से लड़ गयीं आँखें !
कितनी उलझन में पड़ गयीं आँखें !!
आँख से जब बिछड़ गयीं आँखें !
आंसुओ में जकड़ गयीं आँखें !!
तू जो आया बहार लौट आयी !
तू गया तो उजड़ गयीं आँखें !!
तेरे आने की इन्तेज़ारी में !
घर की चौखट पे जड़ गयीं आँखें !!
आज फिर ज़िक्र छिड गया उसका !
आज फिर से उमड़ गयीं आँखें !!
रौशनी भी चला गया लेकर !
कैसे ज़ालिम से लड़ गयीं आँखें !!
बज़्म में जब हिलाल को देखा !
उसके चेहरे पे गड गयी आँखें !!
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