Hilal Badayuni -- ( हिलाल बदायूंनी )
16 March 2010
वा -बस्तगी
निगाह मिलते ही तुझको सलाम करता हु ,
तेरी नज़र का बड़ा एहतराम करता हु .
मेरी जुबा तेरी गुफ्तार से है वाबस्ता ,
ये कौन कहता है सबसे कलम करता हु :
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