मनकबत हजरत अली रह .
नजर आता है मैखाना अली का |
मुझे होने दो मस्ताना अली का ||
दहन का गुस्ल लाजिम हो गया है |
ज़बां पर नाम है आना अली का ||
ताअर्रुफ़ की ज़रूरत ही नहीं है |
कि मैं हूँ जाना पहचाना अली का ||
सनद उसको मिली दानिश्वरी की |
जो कहलाया है दीवाना अली का ||
बजुज़ निस्बत के मुमकिन ही नहीं है |
हिलाल इक शेर हो जाना अली का ||
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