Hilal Badayuni -- ( हिलाल बदायूंनी )
16 April 2009
दर्द
आँखों पे जब से पड़ गयीं नज़रें फरेब की
आंसू हमारे और भी नमकीन हो गए
तुमने हमारे दर्द की लज्ज़त नहीं चखी
जिसने चखी वो दर्द के शौक़ीन हो गए
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