पड़ गयी है खलिश जाने किस बात में
फर्क आने लगा हर मुलाक़ात में
सिर्फ आढ़ी लकीरें है तकदर की
और कुछ भी नहीं है मेरे हाथ में
आपकी ब्लोगींग हमको पसंद आई । ब्लॉग्गिंग जारी रखिये । हमारे ब्लॉग पर भी पधारिये । धन्यवाद्
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