09 April 2009

मुक़द्दर


पड़ गयी है खलिश जाने किस बात में

फर्क आने लगा हर मुलाक़ात में

सिर्फ आढ़ी लकीरें है तकदर की

और कुछ भी नहीं है मेरे हाथ में


1 comment:

  1. आपकी ब्लोगींग हमको पसंद आई । ब्लॉग्गिंग जारी रखिये । हमारे ब्लॉग पर भी पधारिये । धन्यवाद्

    ReplyDelete