Hilal Badayuni -- ( हिलाल बदायूंनी )
15 October 2009
घर
जो देखी कभी मैंने वीरान बस्ती
मुझे अपने दिल का नगर याद आया
रहा अपने घर में ही परदेसी बनकर
जो परदेस निकला तो घर याद आया
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