Hilal Badayuni -- ( हिलाल बदायूंनी )
15 October 2009
मिज़ाज
यु ज़ख्म सज रहे है मेरे दिल के दरमियान
जैसे मेरी कमीज़ पे धागे के काज है
दिल है तेरे हवाले इसे रख संभाल कर
पुर्जे हमारे जिस्म के नाज़ुक मिज़ाज है
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