01 April 2010

सुराग

शब् भर हमारी याद में ऐसे जगे हो तुम ,

आराम तर्क कर के टहलते रहे हो तुम !

बिस्तर की सिलवटो से महसूस हो गया ,

कुछ देर पहले उठ के यहाँ से गए हो तुम !!

No comments:

Post a Comment