Hilal Badayuni -- ( हिलाल बदायूंनी )
01 April 2010
सुराग
शब् भर हमारी याद में ऐसे जगे हो तुम ,
आराम तर्क कर के टहलते रहे हो तुम !
बिस्तर की सिलवटो से महसूस हो गया ,
कुछ देर पहले उठ के यहाँ से गए हो तुम !!
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