बात उनसे कभी हो गयी
ज़िन्दगी ज़िन्दगी हो गयी
दिल्लगी आशिकी हो गयी
आशिकी बंदगी हो गयी
वो तसव्वुर में क्या आ गए
क़ल्ब में रौशनी हो गयी
जब कभी उनसे नज़रें मिली
अपनी तो मैकशी हो गयी
बात फिर से जो होनी न थी
बात फिर से वो ही हो गयी
जब कभी वो खफा हो गए
ख़त्म सारी ख़ुशी हो गयी
बादलो क जब आंसू गिरे
कुल जहाँ में नमी हो गयी
सैकड़ो घोंसले गिर गए
क्यों हवा सरफिरी हो गयी
ध्यान उनका जब आया 'हिलाल '
गुफ्तगू शायरी हो गयी
ज़िन्दगी ज़िन्दगी हो गयी
दिल्लगी आशिकी हो गयी
आशिकी बंदगी हो गयी
वो तसव्वुर में क्या आ गए
क़ल्ब में रौशनी हो गयी
जब कभी उनसे नज़रें मिली
अपनी तो मैकशी हो गयी
बात फिर से जो होनी न थी
बात फिर से वो ही हो गयी
जब कभी वो खफा हो गए
ख़त्म सारी ख़ुशी हो गयी
बादलो क जब आंसू गिरे
कुल जहाँ में नमी हो गयी
सैकड़ो घोंसले गिर गए
क्यों हवा सरफिरी हो गयी
ध्यान उनका जब आया 'हिलाल '
गुफ्तगू शायरी हो गयी
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